-
क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लैंड के House of Lords के सदस्य रहे थे?
नहीं ना…
तो फिर ये क्याLord Rama, Lord Krishnaलगा रखा है?
सीधे सीधे भगवान राम, भगवान कृष्ण कहिये – अंग्रेजी में भी। -
किसी की मृत्यु होने पर
RIPबिलकुल मत कहिये।
यानी Rest in Peace, जो दफ़नाने वालों के लिए कहा जाता है।
आप कहिये – “ओम शांति”, अथवा “मोक्ष प्राप्ति हो”!
आत्मा कभी एक स्थान पर आराम या विश्राम नहीं करती! आत्मा का पुनर्जन्म होता है अथवा उसे मोक्ष मिलता है! -
अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को कभी भी
mythologicalमत कहियेगा!
“mythological” शब्द बना है “myth” से और “myth” शब्द बना है हिंदी के “मिथ्या” शब्द से।
“मिथ्या” अर्थात ‘झूठा’ या ‘जिसका कोई अस्तित्व ना हो’
और हमारे सभी देवी देवता, राम और कृष्ण वास्तविक रूप में प्रकट हुए हैं
ये हमारा गौरवशाली इतिहास है और राम एवं कृष्ण हमारे ऐतिहासिक देवपुरुष हैं, कोईmythological कलाकारनहीं! -
अपने इष्ट देवों का नाम आदर सहित लें। उनका मज़ाक न बनने दें!
-
हमारे मंदिरों को
प्रार्थनागृहन कहें!
मंदिर देवालय होते हैं। भगवान के निवासगृह! वहप्रार्थनागृहनहीं होते!
मंदिर में केवल प्रार्थना नहीं होती! अन्य पूजा पद्धति में सिर्फ साप्ताहिक प्रार्थना होती है, जबकि हिंदू धर्म में ये नित्य कर्म है। -
अपने बच्चों के जन्मदिन पर दीप
बुझाके अपशकुन न करें!
अग्निदेव को न बुझाएँ!
दीप प्रज्ज्वलित करना अर्थात प्रकाश का संचार करना
अपितु बच्चों को दीप की प्रार्थना सिखायें “तमसो मा ज्योतिर्गमय”
(हे अग्नि देवता, मुझे अंधेरे से उजाले की ओर जाने का रास्ता बताएँ)
ये सारे प्रतीक बच्चों के मस्तिष्क में गहरा असर करते हैं! -
कृपया
spiritualityऔरmaterialisticजैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें!
हिंदूओं के लिये सारा विश्व दिव्यत्व से भरा है !spiritualityऔरmaterialisticजैसे शब्द अनेक वर्ष पहले यूरोप से यहाँ आये जिन्होंने चर्च और सत्ता में फर्क किया था – या विज्ञान और धर्म में!
इसके विपरीत भारतवर्ष में ऋषि मुनि हमारे पहले वैज्ञानिक थे और सनातन धर्म का मूल विज्ञान में ही है! यंत्र, तंत्र, एवं मंत्र यह हमारे धर्म का ही हिस्सा हैं! -
“Sin”इस शब्द के स्थान पर “पाप” शब्द का प्रयोग करें!
हम हिंदूओं में केवल धर्म (कर्तव्यपरायणता, न्याय, एवं प्राप्त अधिकार) और अधर्म (जब धर्म पालन न हो) है!
पाप अधर्म का हिस्सा है! -
ध्यान के लिये
‘meditation’एवं प्राणायाम के लिये‘breathing exercise’इन संज्ञाओं का प्रयोग न करें!
यह बिलकुल विपरीत अर्थ ध्वनित करते हैं! -
क्या आप भगवान से डरते हैं?
नहीं ना, डरना भी नहीं चाहिए,
क्योंकि भगवान तो चराचर में विद्यमान हैं। अजन्मा, परोपकारी, न्यायकारी और सर्वशक्तिमान हैं!
इतना ही नहीं, हम में स्वयं भगवान का अंश मौजूद हैं!
तो फिर अपने आपको“God fearing”अर्थातभगवान से डरने वालामत कहिये!
God believer या भगवान में विश्वास रखने वाला कहिए! -
कभी भी किसी को बधाई देनी हो तो ‘बधाई’ या ‘शुभकामनाएँ’ शब्द का प्रयोग कीजिये और बधाई स्वीकार करनी हो तो धन्यवाद शब्द प्रयोग कीजिये।
मुबारक और शुक्रियाशब्द का प्रयोग न किया जाए क्योंकि इनके अर्थ अलग हैं। -
हिंदुओं में 7 फेरे लेकर विवाह किया जाता है। कोई कॉन्ट्रैक्ट का विवाह नहीं होता।
इसलिए TV आदि फिल्में देखकर भेड़चाल में अपनी धर्मपत्नी कोबीवीमत कहिए।
यदि आप उन्हें अपनी जीवन संगिनी मानते हैं तो पत्नी शब्द प्रयोग कीजिये।
यदि आप उनको कॉन्ट्रैक्ट के साथ ब्याह कर लाए हैं तो आप बीवी कह सकते हैं।
ध्यान रहे,
विश्व में केवल उनका सम्मान होता है जो स्वयं का सम्मान करते हैं!
मेरी पोस्ट किसी के विरुद्ध नहीं है, ये बस अपनी सनातन संस्कृति के लिए आदर है।
सनातन धर्म के मान के लिए, सम्मान बढ़ाने के लिए इन विचारों को संबंधियों के साथ अवश्य ही साझा (share) करें और अपने सनातनी होने पर गर्व और गौरव करें…..
।।जय श्री राम।।